सब चला जाए तो भी ठीक है, सब आ जाए तो भी ठीक है।आखिर यह संसार सपना है ।गुजरने दो सपने को।हो होकर क्या होगा?क्या नौकरी नहीं मिलेगी ? खाना नहीं मिलेगा ? कोई बात नहीं आखिर तो मरना है इस शरीर को । तुम जब निश्चिंत हो जाओगे तो तुम्हारे लिए ईश्वर चिन्तित होगा
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