skip to main
|
skip to sidebar
AMRUT SUDHA
Saturday, March 20, 2010
भगवान बोलते मैं दिव्यता से जन्म लेता हूँ… जो मनुष्य मुझे कर्म दिव्य, जन्म दिव्य ऐसा जानेगा वो मेरा भक्त है…तो जिस के जन्म कर्म दिव्य है ऐसे परमात्मा की मैं संतान हूँ ऐसा खुद को जानेगा उस का जन्म कर्म दिव्य हो जाएगा..
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Followers
Blog Archive
►
2011
(10)
►
August
(1)
►
February
(3)
►
January
(6)
▼
2010
(164)
►
November
(1)
►
October
(4)
►
July
(5)
►
June
(6)
►
May
(26)
►
April
(87)
▼
March
(19)
अपने को सत्यवादी मान लेने पर ही सत्य बोलने की प्रव...
गुरू के सान्निध्य से जो मिलता है वह दूसरा कभी दे न...
Jagat ka sab aiswarwrya bhogne ka mil jaye parantu...
भगवान बोलते मैं दिव्यता से जन्म लेता हूँ… जो मनुष्...
सारांश यह है की गुरु कृपा के भाग्यशाली क्षण से सां...
Keval sat chit anand parmatma ke sukh ko parmatma ...
kam aisa kijiye jinse ho sab ka bhala, bat aise ki...
जब-जब हम कर्म करें तो कर्म को अकर्म में बदल दें अर...
नव वर्ष-२०१०,विक्रम संवत्सर-२०६७
motwaninaresh (12/17/09 1:02 PM): Pawan Tanay Bal ...
mara prabhu mane sachi disha batacjo ,sachu margdh...
mara prabhu mane sachi disha batacjo ,sachu margdh...
राग करना है तो वैराग्य में ही राग करो , संसार का र...
राग करना है तो वैराग्य में ही राग करो , संसार का र...
जिसने अनुराग का दान दिया , उससे कण मांग लजाता नहीं...
सो संगति जल जाये जिसमे कथा नहीं राम की बिन खेती ...
लोभी धन के लिए रोता है , मोह़ी परिवार के लिए रोता ...
इन प्राणी, पदार्थ, परिस्थितियों की आस्था, आशा, आका...
अगर तुम दुसरों के लिये बोलते हो, दुसरों के लिये सु...
►
January
(16)
►
2009
(64)
►
December
(24)
►
November
(27)
►
October
(13)
About Me
MOTWANI NARESH
jyot se jyot jagavo
View my complete profile
No comments:
Post a Comment