Tuesday, November 10, 2009

jiwan

दुनिया की सब चीजें कितनी भी मिल जायें............ . किंतु एक दिन तो छोड़कर जाना ही पड़ेगा।............ .... आज मृत्यु को याद किया तो फिर छूटने वाली चीजों में आसक्ति नहीं होगी, ............ ......... . ममता नहीं होती और जो कभी छूटने वाला नहीं है, उस अछूट के प्रति, उस शाश्वत के प्रति प्रीति हो जायेगी, तुम अपना शुद्ध-बुद्ध, सच्चिदानंद, परब्रह्म परमात्म-स्वरूप पा लोगे। जहाँ इंद्र का वैभव भी नन्हा लगता है, ऐसे आत्मवैभव को सदा के लिए पा लोगे।

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