मैं नहीं मेरा नहीं यह तन किसी का है दिया
जो भी अपने पास है वह धन किसी का है दिया
देने वाले ने दिया वह भी दिया किस शान से
मेरा है यह लेने वाला कह उठा अभिमान से
मेरा है यह कहने वाला मन किसी का है दिया
मैं नहीं मेरा नहीं यह तन किसी का है दिया ...
जो मिला है वह हमेशा पास रह सकता नहीं
कब बिछुड़ जाये यह कोई राज़ कह सकता नहीं
ज़िन्दगानी का खिला मधुबन किसी का है दिया
मैं नहीं मेरा नहीं यह तन किसी का है दिया ...
जग की सेवा, खोज अपनी, प्रीति प्रभु से कीजिये
ज़िन्दगी का राज़ है यह जान कर जी लीजिये
साधना की राह पर साधन किसी का है दिया (२)
मैं नहीं मेरा नहीं यह तन किसी का है दिया
जो भी अपने पास है वह धन किसी का है दिया
मैं नहीं मेरा नहीं यह तन किसी का है दिया
Wednesday, December 23, 2009
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