Tuesday, May 11, 2010

हे नाथ ! हे मेरे नाथ! । छोटा बालक रोता है तो माँ आ ही जाती है । बालक घरका कुछ काम नहीं करता, पर जब वह रोने लगता है, तब माँको सब काम छोडकर बालकको उठाना पडता है । बालकका एकमात्र बल रोना ही है—‘बालानां रोदनं बलम्’ । रोनेमें बड़ी ताकत है । सच्चे ह्रदयसे व्याकुल होकर यह बालक आपको पुकार रहा है, आपके लिए रो रहा है ! आपको आकर उठाना ही पड़ेगा

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