Sunday, May 16, 2010

लक्ष्य जितना ऊँचा होता है उतने ही संकल्प


शुद्ध होते हैं। ऊँचा लक्ष्य है मोक्ष,परमात्मा-प्राप्ति, , अनन्त

ब्रह्माण्डनायक ईश्वर से मिलना। ऊँचा लक्ष्य तुच्छ संकल्पों को दूर कर देता

है। ऊँचा संकल्प जितना दृढ़ होगा उतना ही तुच्छ संकल्पों को हटाने में

सफलता मिलेगी। तुच्छ संकल्पों को काट दिया जाएगा, ऊँचा जीवन, ऊँची

समझ, और ऊँचे में ऊँचे परमात्मा की

प्राप्ति सुलभ होगी।

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