Thursday, January 14, 2010

हम जब जब दुःखी होते हैं, जब-जब अशांत होते हैं, जब-जब भयभीत होते हैं तब निश्चित समझ लो कि हमारे द्वारा ईश्वरीय विधान का उल्लंघन हुआ है। जब-जब हम प्रसन्न होते हैं, निर्भीक होते हैं, खुश होते हैं, निश्चिन्त होते हैं तब समझ लो कि अनजाने में भी हमने ईश्वरीय विधान का पालन किया है।

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