Tuesday, January 5, 2010

ऐसे ही दुःख, अपमान, विरोध आयें तो ईश्वर का सहारा लेकर अपने ज्ञान की नींव मजबूत करते जाना चाहिए। दुःख, विघ्न, बाधाएँ इसलिए आती हैं कि तुम्हारे ज्ञान की जड़ें गहरी जायें। लेकिन हम लोग डर जाते है। ज्ञान के मूल को उखाड़ देते हैं।

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