Saturday, April 17, 2010
शरण
यदि कहें कि किस बातको लेकर खुश रहें तो इसका उत्तर यह है कि भगवान् की दयाको देख-देखकर।देखो,भगवान् की तुमपर कितनी दया है। अपार दया समझकर इतना आनन्द होना चाहिये कि वह हृदयमें समावे नहीं।हर समय आनन्दमें मुग्ध रहें।बार-बार प्रसन्न होवें।अहा प्रभुकी कितनी दया है।यही सबसे बढ़कर साधन है और यही भक्ति है एवं इसीका नाम शरण है।
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