Wednesday, April 28, 2010

यदि तुम अपने लक्ष्य को - भगवान् को कभी न भूलते हुए सदा निर्लेप तथा सावधान रहकर भगवान् की ओर चलते रहोगे तो यह मानव-शरीर तुम्हें निश्चय ही वहाँ पहुँचाने में समर्थ होगा।

No comments:

Post a Comment